आत्मनिर्भरता सब बातों की कुंजी है,अपना देश आत्मनिर्भर होना चाहिए
“आएं हम शाश्वत विकास एवं एकात्मता के लिए हिन्दू समाज में उद्यम के महत्त्व को पुनुर्जिवित कर आत्मनिर्भर और समृद्ध भारत के लिए एक पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण करें”
आत्मनिर्भर भारत
अपनी क्षमता पर विश्वास रखते हुए, देश की तरक्की अपने संसाधनों से।
वोकल फॉर लोकल
स्थानीय उत्पादों को अपनाकर, स्थानीय व्यवसायों को मज़बूती देना।
समृद्धि की ओर
आत्मनिर्भरता से रोज़गार, नवाचार और विकास को गति।
भारत की शक्ति
हर क्षेत्र की भागीदारी से मज़बूत और एकजुट राष्ट्र निर्माण।
एक ऐसा भारत जो स्थानीय से वैश्विक बने, आत्मनिर्भरता और नवाचार से विश्व का नेतृत्व करे।